Monday, January 4, 2010
2:41 AM |
Posted by
Dr. Sohan Lal Yadav Chief Consultant(N&Y) IIT KANPUR |
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पैरों पर एक सरसरी नजर डालकर उनकी व बॉडी की सेहत के बारे में काफी कुछ अंदाजा लगाया जा सकता है। जानते हैं, कैसे..
. हो सकता है, कि शुरुआत में आपको यह एक मजाक लगे, लेकिन यह सच है, कि पैरों से किसी व्यक्ति की सेहत का काफी हद तक अंदाजा लगाया जा सकता है। डॉक्टर्स का कहना है कि, पैरों के चेकअप के जरिए डायबिटीज से लेकर न्यूट्रिशनल कमी तक का पता लगाया जा सकता है।
नाखूनों पर निशान
नाखूनों को लेकर आने वाली कोई समस्या अक्सर शरीर में किसी कमी की निशानी होती है। नाखूनों पर सफेद निशान होने का मतलब है कि आपके शरीर में आयरन की कमी है या आपको एनीमिया है। ऐसे में नाखूनों की शेप भी बिगड़ जाती है, जो हीमोग्लोबिन की कमी के चलते होता है। ऐसे में नाखून आसानी से टूटने लगते हैं और पैर ठंडे पड़ जाते हैं। थकान महसूस होना, बहुत नींद आना और सिर दर्द वगैरह अनीमिया के कुछ और लक्षण हैं।
पैरों का फटना
सही तरह एक्सर्साइज न करने या शरीर में पानी की कमी की वजह से पैर फटते हैं। अगर ऐसा बार-बार होता है, तो इसका मतलब है कि आपकी डाइट में कैल्शियम, पोटाशियम व मैग्निशियम की कमी है। प्रेग्नेंट महिलाओं में ऐसा अक्सर दिखता!
पैर की चोट का ठीक न होना
ऐसा डायबिटीज की वजह से होता है। खून में ग्लूकोज के ज्यादा होने की वजह से पैरों की नर्व्स डैमिज हो जाती हैं, जिस वजह से छोटी-मोटी चोटों व कट्स का पता नहीं चलता। अपने पैरों को ध्यान देखें और किसी भी तरह के कट को नजरअंदाज न करें। डायबिटीज के अन्य लक्षण लगातार प्यास लगना, बार-बार यूरिन जाना, थकान, बहुत भूख लगना और वजन का कम होना वगैरह हैं।
पैर ठंडे रहना
यह शिकायत महिलाओं में खासी कॉमन है और यह थायरॉड प्रॉब्लम का इशारा भी हो सकती है। महिलाओं का बॉडी टेम्परेचर पुरुषों की तुलना में थोड़ा कम होता है, जिस वजह से वे इस समस्या की जल्द शिकार बन जाती हैं। 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में ठंडे पैर होने का मतलब थायरॉड ग्लैंड का कम ऐक्टिव होना है। बता दें कि यह ग्लैंड बॉडी के टेम्परेचर व मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है।
. हो सकता है, कि शुरुआत में आपको यह एक मजाक लगे, लेकिन यह सच है, कि पैरों से किसी व्यक्ति की सेहत का काफी हद तक अंदाजा लगाया जा सकता है। डॉक्टर्स का कहना है कि, पैरों के चेकअप के जरिए डायबिटीज से लेकर न्यूट्रिशनल कमी तक का पता लगाया जा सकता है।
नाखूनों पर निशान
नाखूनों को लेकर आने वाली कोई समस्या अक्सर शरीर में किसी कमी की निशानी होती है। नाखूनों पर सफेद निशान होने का मतलब है कि आपके शरीर में आयरन की कमी है या आपको एनीमिया है। ऐसे में नाखूनों की शेप भी बिगड़ जाती है, जो हीमोग्लोबिन की कमी के चलते होता है। ऐसे में नाखून आसानी से टूटने लगते हैं और पैर ठंडे पड़ जाते हैं। थकान महसूस होना, बहुत नींद आना और सिर दर्द वगैरह अनीमिया के कुछ और लक्षण हैं।
पैरों का फटना
सही तरह एक्सर्साइज न करने या शरीर में पानी की कमी की वजह से पैर फटते हैं। अगर ऐसा बार-बार होता है, तो इसका मतलब है कि आपकी डाइट में कैल्शियम, पोटाशियम व मैग्निशियम की कमी है। प्रेग्नेंट महिलाओं में ऐसा अक्सर दिखता!
पैर की चोट का ठीक न होना
ऐसा डायबिटीज की वजह से होता है। खून में ग्लूकोज के ज्यादा होने की वजह से पैरों की नर्व्स डैमिज हो जाती हैं, जिस वजह से छोटी-मोटी चोटों व कट्स का पता नहीं चलता। अपने पैरों को ध्यान देखें और किसी भी तरह के कट को नजरअंदाज न करें। डायबिटीज के अन्य लक्षण लगातार प्यास लगना, बार-बार यूरिन जाना, थकान, बहुत भूख लगना और वजन का कम होना वगैरह हैं।
पैर ठंडे रहना
यह शिकायत महिलाओं में खासी कॉमन है और यह थायरॉड प्रॉब्लम का इशारा भी हो सकती है। महिलाओं का बॉडी टेम्परेचर पुरुषों की तुलना में थोड़ा कम होता है, जिस वजह से वे इस समस्या की जल्द शिकार बन जाती हैं। 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में ठंडे पैर होने का मतलब थायरॉड ग्लैंड का कम ऐक्टिव होना है। बता दें कि यह ग्लैंड बॉडी के टेम्परेचर व मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है।
मोटे व पीले नाखून
यह सही है कि उम्र के साथ नाखूनों का रंग बदलता है, लेकिन यह फंगल इंफेक्शन और बिना केयर वाले नाखूनों की निशानी भी है। पैरों में फंगल इंफेक्शन बिना कोई परेशानी से लंबे समय तक पनप सकती है। बाद में नाखूनों में से खराब स्मेल आने लगती है और इनकी रंगत काली होती जाती है।
बड़े अंगूठे का बड़ा होना
यह अक्सर गाउट की निशानी है, जो आर्थराइटिस का ही एक टाइप है। यह शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा होने की वजह से होता है। शरीर में जमने वाला यूरिक एसिड सुई के आकार व साइज के क्रिस्टल्स में बनता है। 40 व 50 की पार के पुरुष इससे ज्यादा परेशान होते देखे गए हैं।
पैरों का सुन्न पड़ना
अगर आप अपने पैर को महसूस नहीं कर पा रहे हैं या उसमें सुइयां चुभने जैसा कुछ अहसास होता है, तो यह पेरिफेरल नर्वस सिस्टम डैमिज होने की निशानी हो सकता है। ऐसा डायबिटीज और अल्कोहल के ज्यादा पीने की वजह से हो सकता है।
रूखी त्वचा
त्वचा के रूखे होने को हल्के तौर पर न लें। रूखी और जलन वाली त्वचा कुछ समय में एथलीट फुट जैसी फंगल इंफेक्शन में बदल सकती है। आगे चलकर इससे इंफ्लेमेशन व ब्लिस्टर्स तक हो सकते हैं।
यह सही है कि उम्र के साथ नाखूनों का रंग बदलता है, लेकिन यह फंगल इंफेक्शन और बिना केयर वाले नाखूनों की निशानी भी है। पैरों में फंगल इंफेक्शन बिना कोई परेशानी से लंबे समय तक पनप सकती है। बाद में नाखूनों में से खराब स्मेल आने लगती है और इनकी रंगत काली होती जाती है।
बड़े अंगूठे का बड़ा होना
यह अक्सर गाउट की निशानी है, जो आर्थराइटिस का ही एक टाइप है। यह शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा होने की वजह से होता है। शरीर में जमने वाला यूरिक एसिड सुई के आकार व साइज के क्रिस्टल्स में बनता है। 40 व 50 की पार के पुरुष इससे ज्यादा परेशान होते देखे गए हैं।
पैरों का सुन्न पड़ना
अगर आप अपने पैर को महसूस नहीं कर पा रहे हैं या उसमें सुइयां चुभने जैसा कुछ अहसास होता है, तो यह पेरिफेरल नर्वस सिस्टम डैमिज होने की निशानी हो सकता है। ऐसा डायबिटीज और अल्कोहल के ज्यादा पीने की वजह से हो सकता है।
रूखी त्वचा
त्वचा के रूखे होने को हल्के तौर पर न लें। रूखी और जलन वाली त्वचा कुछ समय में एथलीट फुट जैसी फंगल इंफेक्शन में बदल सकती है। आगे चलकर इससे इंफ्लेमेशन व ब्लिस्टर्स तक हो सकते हैं।
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