Sunday, November 22, 2009
2:31 AM |
Posted by
Dr. Sohan Lal Yadav Chief Consultant(N&Y) IIT KANPUR |
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१) यम- पाँच सामाजिक नैतिकता !
यम पाँच हैं - १. अहिंसा २. सत्य ३. आस्तेय ४. ब्रम्हचर्य ५ अपरिग्रह
अहिंसा - शब्दों से ,विचरों से और कर्मो से किसी को हानि न पहुँचाना !
सत्य - विचरों में सत्यता ,परम सत्य में स्थित रहना !
आस्तेय- चोर प्रब्रृति का न होना !
ब्रम्हचर्य - इसके दो अर्थ हैं !
*चेतना को ब्रम्हा के ज्ञान मे स्थिर करना !
*सभी इंद्रिय -जनित सुखो में संयम बरतना !
अपरिग्रह - आवश्यकता से अधिक धन का संचय न करना और दूसरो की बस्तुओ की इच्छा न करना!
यम पाँच हैं - १. अहिंसा २. सत्य ३. आस्तेय ४. ब्रम्हचर्य ५ अपरिग्रह
अहिंसा - शब्दों से ,विचरों से और कर्मो से किसी को हानि न पहुँचाना !
सत्य - विचरों में सत्यता ,परम सत्य में स्थित रहना !
आस्तेय- चोर प्रब्रृति का न होना !
ब्रम्हचर्य - इसके दो अर्थ हैं !
*चेतना को ब्रम्हा के ज्ञान मे स्थिर करना !
*सभी इंद्रिय -जनित सुखो में संयम बरतना !
अपरिग्रह - आवश्यकता से अधिक धन का संचय न करना और दूसरो की बस्तुओ की इच्छा न करना!
२) नियम- पाँच व्यक्तिगत नैतिकता ! नियम भी पाँच हैं १. शौच २. संतोष ३. तप ४. स्वाध्याय ५. ईश्वर प्रादिधान
शौच - शरीर-और मन की शुद्धि!
संतोष- संतुष्ट और प्रसन्न रहना !
तप- स्वयं में अनुशासित रहना !
स्वाध्याय -आत्मचिंतन करना !
ईश्वर प्रादिधान-ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण ,पूर्ण श्रद्धा !
शौच - शरीर-और मन की शुद्धि!
संतोष- संतुष्ट और प्रसन्न रहना !
तप- स्वयं में अनुशासित रहना !
स्वाध्याय -आत्मचिंतन करना !
ईश्वर प्रादिधान-ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण ,पूर्ण श्रद्धा !
३) आसन
योगशास्त्रो में आसन चौरासी लाख बताये गये हैं उसमे भी प्रमुख चौरासी हजार हैं !चौरासी हजार आसनों में भी प्रधान चौरासी सौ हैं !उसमे प्रमुख चौरासी हैं !इन चौरासी आसनों में भी प्रमुख ३२ हैं और इन बत्तीस आसनों में भी प्रमुख ११ ,९ या ८ आसन हैं !इसमे प्रमुख चार आसन हैं ,इन चार में भी प्रमुख दो आसन बताये गये हैं ,और इन दो आसनों में भी एक आसन प्रमुख हैं !चौरासी लाख आसन तो साक्षात् शंकर जी ही जानते हैं ,जिनसे योग की उत्पत्ति हुई हैं !साधानातया प्रचलित आसन १०८ या ३२ हैं !इन चौरासी आसनों में भी जो प्रधान ३२ आसन हैं उनके बारे में घेरंड ऋषी ने कुछ इस प्रकार कहा हैं -
योगशास्त्रो में आसन चौरासी लाख बताये गये हैं उसमे भी प्रमुख चौरासी हजार हैं !चौरासी हजार आसनों में भी प्रधान चौरासी सौ हैं !उसमे प्रमुख चौरासी हैं !इन चौरासी आसनों में भी प्रमुख ३२ हैं और इन बत्तीस आसनों में भी प्रमुख ११ ,९ या ८ आसन हैं !इसमे प्रमुख चार आसन हैं ,इन चार में भी प्रमुख दो आसन बताये गये हैं ,और इन दो आसनों में भी एक आसन प्रमुख हैं !चौरासी लाख आसन तो साक्षात् शंकर जी ही जानते हैं ,जिनसे योग की उत्पत्ति हुई हैं !साधानातया प्रचलित आसन १०८ या ३२ हैं !इन चौरासी आसनों में भी जो प्रधान ३२ आसन हैं उनके बारे में घेरंड ऋषी ने कुछ इस प्रकार कहा हैं -
४) प्राणायाम
५) प्रत्याहार
६) धारणा
७) ध्यान
८) समाधि
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